ये तेज़ बारिश की बूंदे यूं ही होती रहे। बातचीत का सिलसिला यूं ही चलता रहे। हवाओं की खुशबू मेरे जहन में उतर जाए। इन पेड़-पौधों को मुस्कुराने की वजह मिल जाए। मेरी राहो का हमसफ़र यही कहानी बन जाए। ये तेज़ बारिश की बूंदे यूं ही होती रहे। इन फिज़ाओं का रंग देखकर....! इबादत में तेरी सर झुक जाए। किसी के दर्द को राहत,तो कही बहार आए। ये तेज़ बारिश की बूंदे यू ही होती रहे।