इस गहरे दर्द को समेट लेना
भागने से क्या रास्ता खत्म हो जाएगा
सामना नहीं करना तो वो पल नहीं आएगा
जो अंदाज तुम्हे है वो वक़्त रोक पाएगा
टूट गया लगे टूट गया है कहने में ह्रज आएगा
इस गहरे दर्द को समेट ही लेना अन्दर .....!
फिर ना जाने अनजाने में और क्या गवाएगा
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